बसंत पंचमी के अवसर पर निकाला गया मुहूर्त
चमोली। चारधामों में से एक तीर्थस्थल बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने का समय रविवार को बसंत पंचमी के दिन टिहरी गढ़वाल के नरेंद्रनगर राजदरबार में राज पुरोहितों द्वारा निश्चित किया किया गया। पौराणिक परंपरा और राजसी रीति-नीति से भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने का शुभ मुहूर्त तय किया जाता है। इस वर्ष 04 मई को सुबह 06 बजे खोलने का समय निश्चित हुआ है।
चमोली जिले में 3,133 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने का मुहूर्त हर वर्ष वसंत पंचमी को तय किया जाता है। राजपुरोहित द्वारा टिहरी के महाराजा मनुजेंद्र शाह व अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति में मुहूर्त निकाला गया। गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में स्थित चारधाम यात्रा इन स्थानों पर कड़ाके की ठंड और बर्फबारी की वजह से छह माह तक बंद रहती है। हर वर्ष अप्रैल-मई में प्रारंभ होने वाली यह यात्रा छह माह तक चलती है।
धर्माचार्यों द्वारा तेल कलश, (गडू घड़ा) के लिए तेल पिराने की तिथि 22 अप्रैल को निर्धारित की गई है बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की परंपरा मे डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के द्वारा तेल कलश को लक्ष्मी नारायण मंदिर में पूजा कर एवं बाल भोग लगाकर गांडू घड़ा को ऋषिकेश लाकर बसंत पंचमी के दिन राजमहल में लाया जाता है उसके बाद राजमहल में भगवान बद्री विशाल की कपाट खुलने की तिथि तय की जाती है इसी परम्परा के तहत पुजारी शैलेन्द्र डिमरी, नरेश डिमरी, अरविंद डिमरी, गाडू घड़े यात्रा के साथ टिहरी दरबार पहुंचे।