12.8 C
Dehradun
Tuesday, November 26, 2024

Buy now

महर्षि दयानंद सरस्वती की दूरदर्शी विरासत के 200 वर्ष पूरे होने पर टंकारा में 3 दिवसीय भव्य जन्मोत्सव-स्मरणोत्सव

• टंकारा, गुजरात में महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयंती का भव्य समारोह
• महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयंती पर 3 दिवसीय भव्य समारोह का आयोजन

टंकारा, जिला मोरबी, गुजरात: वेदों और वैदिक संस्कृति के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हुए भारत में सुधार आंदोलन की नींव रखने वाले आर्य समाज के संस्थापक, महर्षि दयानंद सरस्वती की इस वर्ष 200वीं जयंती मनाई जा रही है। इस ख़ास अवसर का जश्न मनाने के लिए 10 फरवरी से 12 फरवरी 2024 तक उनके जन्मस्थल टंकारा, जिला मोरबी, गुजरात में एक भव्य उत्सव का आयोजन किया जाएगा।

इस भव्य समारोह में लाखों आर्य समाज अनुयायियों के उत्सव में शामिल होने के लिए टंकारा आने की संभावना है। दुनिया भर से लाखों अनुयायी आर्य संदेश टीवी चैनल और आर्य समाज के अन्य सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से इस भव्य समारोह से जुड़ेंगे।

आयोजन के तीसरे दिन, 12 फरवरी को, भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी। महर्षि के इस स्मरणोत्सव में दुनिया के अलग अलग कोनों से दो करोड़ से ज्यादा आर्य समाज के वे सदस्य शामिल होंगे जो वैक्ष्विक स्तर पर महर्षि दयानंद सरस्वती की शिक्षाओं का प्रतीक है।

जन्मोत्सव के पहले दिन गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल एवं राज्यपाल आचार्य देवव्रत और दूसरे दिन गृह मंत्री अमित शाह मौजूद रहेंगें एवं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली इस आयोजन से जुडेंगें।

12 फरवरी, 1824 को टंकारा, जिला मोरबी, गुजरात में जन्मे महर्षि दयानंद सरस्वती ने अपना पूरा जीवन वैदिक ज्ञान और सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित कर दिया। महर्षि दयानंद सरस्वती की शिक्षाओं ने धर्म, समाज और राष्ट्र के सामंजस्यपूर्ण भाईचारे का मार्ग प्रशस्त किया है। उनके दूरदर्शी विचार और संदेश समाज को समृद्धि, स्वतंत्रता और समानता के आदर्शों की ओर हमेशा से प्रेरित करते रहे हैं। भारतीय संस्कृति में उनके इस अतुलनीय योगदान को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा फरवरी 2023 में साल भर चलने वाले समारोहों का उद्घाटन किया गया था जिसके अंतर्गत इस विशेष समारोह का आयोजन टंकारा में किया जाएगा।

महर्षि दयानंद की गहन अंतर्दृष्टि और विचारों ने सच्ची भारतीयता और राष्ट्रवाद की गहरी समझ को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह आयोजन हर किसी को उस उत्साह, विचारशीलता और राष्ट्रवाद का एक नया रंग देगा जिसकी नींव महर्षि दयानंद सरस्वती ने रखी थी। 200वीं जयंती समारोह उनकी शिक्षाओं पर विचार करने और उनके अमूल्य योगदान को श्रद्धांजलि देने का एक महत्वपूर्ण मंच है। इस आयोजन में आने वाले मेहमान आर्य समाज की उन शिक्षाओं को आत्मसात करेंगें जो हमें एक उज्जवल और अधिक सामंजस्यपूर्ण भविष्य की ओर ले जाती हैं।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,888FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles