देहरादून। देहरादून में लगातार दूसरे दिन सुबह-शाम हुई मूसलाधार बारिश के कारण शहर के तमाम नाले, खाले, नदियां उफान पर आ गए। इससे शहर के मुख्य मार्गों से लेकर पहले से बदहाल गली मोहल्लों की सड़कें तालाब बन गईं। जिससे कई दोपहिया वाहन सवार गिरकर चोटिल भी हो गए। वहीं नदी किनारे बस्तियों में रहने वाले लोग रातभर सहमे रहे। जिला प्रशासन ने सहस्रधारा क्षेत्र के साथ ही नदी किनारे बसे लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा है। नगर निगम और प्रशासन की टीमें भी रातभर गश्त पर रहीं।
दरअसल शहर में रविवार से ही तेज बारिश हो रही है। सोमवार तड़के भी तेज बारिश शुरू हो गई। सुबह करीब 10 बजे तक मूसलाधार बारिश का सिलसिला जारी रहा। हालांकि दिन में मौसम साफ रहा, लेकिन शाम छह बजे से ही एक बार फिर बूंदाबांदी हुई। साढ़े सात बजे के आसपास तेज बारिश शुरू हो गई। रातभर रुक-रुककर तेज बारिश का सिलसिला जारी रहा। बारिश के कारण माजरा चौक, प्रिंस चौक, रेलवे स्टेशन चौक, एस्लेहॉल चौक, दर्शन लाल चौक समेत शहर के कई इलाकों में जलभराव हो गया। जिसके चलते कई बार जाम जैसी स्थिति भी बनी। वहीं पलटन बाजार में दुकानों में पानी घुसने से व्यापारियों को काफी परेशानी हुई। मौसम विभाग के मुताबिक बीते 24 घंटों में देहरादून जिले में 14.6 एमएम बारिश हुई। यह सामान्य से 15 फीसदी अधिक है। वहीं सोमवार को दून का अधिकतम तापमान 29.8 डिग्री रहा। विभाग ने मंगलवार को भी दून में तेज बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश के कारण टपकेश्वर मंदिर के प्रवेश द्वार पर पहाड से मलबा आ गया। जिससे वहां काफी देर तक आवाजाही बंद रही। इससे श्रद्धालुओं को परेशानी उठानी पड़ी। डेढ़ घंटे मशक्कत के बाद मलबा हटाया गया, तब जाकर श्रद्धालु आराम से दर्शन कर सके। हालांकि जिस समय मलबा गिरा उस समय वहां आवाजाही नहीं थी। इसलिए कोई नुकसान नहीं हुआ। वहीं सावन महीने का सोमवार होने के कारण मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की लाइन लग गई थी, लेकिन उन्हें दर्शन करने में परेशानी हुई। कुछ लोग तो किनारे-किनारे होते हुए दर्शन के लिए मंदिर के अंदर चले गए, जबकि कई लोग मलबा हटने का इंतजार करते रहे। मंदिर समिति के प्रधान गोपाल कुमार गुप्ता ने बताया कि बाद में मजदूर लगाकर मलबे को हटा दिया गया गया। इसमें करीब डेढ़ घंटा लग गया। इसके बाद दिनभर श्रद्धालुओं ने आराम से दर्शन किए।