मुख्यमंत्री की रेस मे पहले किसका नाम होगा अब उत्तराखण्ड की जनता इस और देख रही है कि कौन राजा बनेगा और किसको पाच साल तक विपक्ष मे बेठ कर एक दूसरे का मुह ताकना पड सकता है यह चिता अब सभी नेताओं को खाई जा रही है कि वह कही मंुख्यमंत्री की रेस मे पहले किसका नाम होगा मंत्री पद के सुख से कही पाच साल तक पीछे तो नही रह जाऐगे क्योकि पिछले चुनाव मे जनता जनारदन देख चुकी है कि नेताओं ने खुब कुर्सी का खेल खेला और एक दल से दूसरे दल मे कुद मार डाली पर यह चुनाव सबसे अलग रूख को तय कर रहा है यह चुनाव कई नताओं की मिटटी पलीद कर देगा कही यही ना हो कि दो बिल्लियो की लडाई मे केजरीवाल के हाथ मे सीट आ जाऐ तो अगले दस साल तक किसी का कुछ नही हो सकता है क्योकि दिल्ली दोहराई जा सकती है और जनता के मुड का कुछ नही कहा जा सकता है पर इस चुनाव मे निर्दलीयो की भी चादी होने वाली है क्योकि सभी दल सम्र्पक बाध रहे है जहा पर निर्दलीय हाथ लगाा तो वही सरकार बनाने का मोका मिल सकता है अब तो छोटे नेता भी जुगााड बना रहे है यह भी होसकता है कि दोनो दल के आला कमान कही इस बार नये चेहरे को जनता का मुख्यमंत्री बनाकर सबके सामने भेज दे ऐसे मे सभी के जुगाड धरे के धरे रह सकते है ।