लखनऊ। एडीसीपी सैय्यद कासिम आब्दी के मुताबिक 18 दिसंबर को श्रीराम यादव (42)कार समेत संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया। मामले में केस दर्ज जांच-पड़ताल की जा रही थी। श्रीराम के भाई मनीष कुमार ने तहरीर में अवशिष्ट नाम के युवक और उसके दोस्तों पर संदेह जताया था। 22 दिसंबर को श्रीराम की कार फैजाबाद हाईवे के पास कुरौली से बरामद किया था। इसके बाद अवशिष्टï के कार को भी बरामद कर लिया गया। मोबाइल के सीडीआर व सर्विलांस सेल व सीसीटीवी फुटेज की मदद से कड़ी से कड़ी जोड़कर छानबीन की गई तो अगवा कर हत्या की कहानी निकल कर सामने आई।
फुटेज के आधार पर पूर्व में अभियुक्त अवशिष्टï की कार को बरामद किया गया। कड़ाई से पूछताछ में पत्नी संगीता ने हत्या की बात कबूल कर ली। गिरफ्तार आरोपियों ने अपना नाम व पता अवशिष्टï कुमार निवासी लखीमपुर खीरी,संतोष कुमार,सुशील कुमार, कुंती पत्नी मुन्ना निवासीगण बाराबंकी व संगीता पत्नी श्रीराम निवासी लोहिया अस्पताल विभूतिखंड बताया है।
एसीपी विभूतिखंड अनूप सिंह के मुताबिक संगीता ने अपने प्रेमी अवशिष्ट कुमार से पति को रास्ते से हटाने के लिए कहा था। इसके बाद अवशिष्ट ने अपने साथियों की मदद से घटना को अंजाम दिया। इसके लिए पांच लाख रुपये की सुपारी दी गई थी और एक लाख रुपये अवशिष्ट ने एडवांस दिए थे। पुलिस इंदिरा नहर में गोताखोरों की मदद से शव की खोजबीन की, लेकिन सफलता नहीं मिली। शव की तलाश की जा रही है। हत्या में इस्तेमाल तमंचा पुलिस ने चिनहट मटियारी से बरामद कर लिया है।
संगीता का राजकीय पॉलीटेक्निक जहांगीराबाद में प्रोफेसर अवशिष्ट से पहले से प्रेम-प्रसंग था। दोनों अक्सर छिपकर मिलते थे। इस बात की जानकारी श्रीराम को हो गई थी। श्रीराम ने संगीता को इसके लिए टोका था। इसी बात को लेकर आए दिन दोनों में विवाद होता था। पति के रोकटोक से परेशान संगीता ने अवशिष्ट से श्रीराम को रास्ते से हटाने के लिए कहा था। इसके बाद अवशिष्ट ने पॉलीटेक्निक कालेज के पास मछली पालन करने वाले दो परिचितों सुमैया नगर कोतवाली बाराबंकी निवासी सुशील और संतोष से संपर्क किया। अवशिष्ट ने दोनों को श्रीराम की हत्या के लिए तैयार कर लिया। विभूतिखंड इंस्पेक्टर ने बताया कि श्रीराम के तीन बच्चे हैं। इनमें दो बेट और एक बेटी है।
साजिश के तहत सुशील और संतोष श्रीराम के पास उनकी कार का खरीदार बनकर पहुंचे। दोनों ने टेस्ट ड्राइव की बात कही और साथ में निकल गए। बीबीडी के पास दोनों ने साजिश के तहत अपनी परिचित महिला कुंती को गाड़ी में बिठा लिया। आरोपितों ने उसे परिवार का सदस्य बताकर गाड़ी पसंद करने के लिए बुलाने की बात कही। श्रीराम को उनकी बातों पर यकीन हो गया। इसके बाद आरोपित उन्हें गाड़ी में घुमाते रहे। अंधेरा होने पर किसान पथ कुर्सी रोड लेकर गए।पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि इस दौरान अवशिष्ट अपनी कार से पीछे पीछे चल रहा था। नहर के किनारे आरोपितों ने गाड़ी रोकी। तभी अवशिष्ट भी वहां आ गया। इससे पहले कि श्रीराम कुछ समझते सुशील ने तमंचे से उनके सीने में गोली मार दी। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि शव को ठिकाने लगाने के लिए उसे इंदिरा नहर में फेंक दिया था।