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Friday, November 22, 2024

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चेयरमैन बनने के लिए सेवानिवृत डिप्टी एसपी ने दी थी रिश्वत, अब घूस लेते लखनऊ में दारोगा को पकड़वाया

लखनऊ। बीस लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में रिटायर्ड डिप्टी एसपी बीएल दोहरे की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे में कार्रवाई के लिए पांच हजार रुपये घूस लेना बिजनौर थाने के दरोगा राधेश्याम यादव को भारी पड़ गया। गुरुवार को उसे सरोजनीनगर के बिजनौर चौराहे से एंटी करप्शन टीम ने घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी दरोगा के खिलाफ पीजीआई थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

हिंदनगर निवासी बीएल दोहरे आर्थिक अपराध शाखा में डिप्टी एसपी पद से वर्ष 2018 में सेवानिवृत्त हुए हैं। वर्ष 2019 में उन्होंने मोहनलालगंज लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ा था, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद बीएल दोहरे को कुछ लोगों ने मंडी परिषद का अध्यक्ष बनाने का झांसा देकर 20 लाख रुपये ठग लिए थे। मामले में बीएल दोहरे ने 29 जुलाई 2020 को सरोजनीनगर थाने में सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इसकी विवेचना दरोगा राधेश्याम यादव को सौंपी गई थी। बीएल दोहरे के मुताबिक काफी समय बीतने पर भी मुकदमे में कोई कार्रवाई नहीं हुई। कुछ दिनों पहले पुलिस कमिश्नरेट में बिजनौर नया थाना बना तो मुकदमे की विवेचना उसी थाने चली गई। बीएल दोहरे का कहना है कि मुकदमे में कार्रवाई का अनुरोध करने पर दरोगा राधेश्याम यादव ने पांच हजार रुपये घूस मांगी। उच्चाधिकारियों से इसकी शिकायत पर एंटी करप्शन को घूस मांगने की जांच सौंपी गई। बीएल दोहरे गुरुवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे सरोजनीनगर के बिजनौर चौराहे पर पहुंचे। वहां मिठाई की एक दुकान पर उन्होंने दरोगा राधेश्याम यादव को पांच हजार रुपये घूस दी। रकम लेकर जेब में रखते ही एंटी करप्शन के इंस्पेक्टर लक्ष्मी नारायण यादव व उनकी टीम ने दरोगा राधेश्याम यादव को धर दबोचा। वह टीम के पुलिसकर्मियों से धक्कामुक्की करने लगा, लेकिन किसी तरह उसे काबू कर लिया गया। इसके बाद दरोगा को पीजीआई थाने ले जाया गया। पीजीआई इंस्पेक्टर धर्मपाल सिंह ने बताया कि घूस लेते पकड़े गए बिजनौर थाने के दरोगा राधेश्याम यादव निवासी ग्राम व पोस्ट डुमरी, थाना फेफना, जिला बलिया के खिलाफ एंटी करप्शन के इंस्पेक्टर लक्ष्मी नारायण यादव ने तहरीर दी है। मामले में संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपी दरोगा को कोर्ट में पेश किया जाएगा। रिटायर्ड डीएसपी बीएल दोहरे का कहना है कि मुकदमे में कार्रवाई के लिए विवेचक राधेश्याम यादव छह महीने से दौड़ा रहे थे। वह कहते थे कि कार्रवाई कराना है तो कुछ खर्च करो…, धारा बढ़वानी है और गिरफ्तारी करानी है तो कुछ खर्च करो…।

रिटायर्ड डीएसपी बीएल दोहरे के मुताबिक एक साल पहले मलिहाबाद के चौकराना निवासी सौरभ सैनी व ऋषभ सैनी से उनकी मुलाकात हुई थी। दोनों ने भाजपा के कई बड़े नेताओं से नजदीकी होने की बात कही और कई नेताओं के साथ अपने फोटो भी दिखाए। बीएल दोहरे का भरोसा जीतने के बाद दोनों ने उन्हें मंडी परिषद का चेयरमैन बनवाने का झांसा दिया। इसके लिए एक करोड़ रुपये खर्च बताया था। जालसाजों के झांसे में आकर बीएल दोहरे ने 20 लाख रुपये एडवांस दे दिए थे। चेयरमैन नहीं बन पाने पर उन्होंने तगादा किया, लेकिन रकम नहीं मिली। इस पर उन्होंने सरोजनीनगर थाने में सौरभ सैनी व ऋषभ सैनी समेत सात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

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