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Friday, November 22, 2024

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दिल्ली पुलिस को मिली सफलता, लंदन से भारत लाया जाएगा इंटरनेशनल ड्रग मास्टरमाइंड

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने तीन साल के प्रयास के बाद एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स सिंडिकेट के मास्टर माइंड हरविंदर सिंह उर्फ बलजीत सिंह उर्फ बल्ली को लंदन से प्रत्यर्पण पर भारत लाने में सफलता हासिल की है। यूनाइडेट किंगडम से इस साल सेल दो ड्रग्स तस्करों को प्रत्यर्पण पर भारत ला चुकी है। हरविंदर सिंह से जुड़े सात तस्करों को स्पेशल सेल 2018 में गिरफ्तार कर चुकी है। मार्च में सेल ब्रिटिश नागरिक ड्रग्स तस्कर किशन सिंह को लंदन से भारत लेकर आई थी।

डीसीपी स्पेशल सेल राजीव रंजन सिंह के मुताबिक हरविंदर सिंह का जन्म अफगानिस्तान के काबुल में हुआ था। 1990 में वह परिवार के साथ दिल्ली आ गया था। 1998 में उसने यूनाइटेड किंगडम की पहली यात्रा की और उसके बाद लगातार का वहां का दौरा किया। कुछ समय बाद वहां की नागरिकता के लिए आवेदन किया। जिसपर 2008 में उसे ब्रिटिश नागरिकता मिल गई। वहां रहकर उसने भारत में अपने सिंडिकेट के माध्यम से ड्रग्स तस्करी का धंधा शुरू कर दिया।

18 मई 2018 को स्पेशल सेल की टीम ने आइजीआइ एयरपोर्ट टर्मिनल दो के ट्रक पार्किंग कार्गो काम्पलेक्स में छापा मारकर उच्च गुणवत्ता वाली साइकोट्रोपिक ड्रग्स की खेप बरामद की थी। वह खेप लुफ्थांसा एयरलाइंस के माध्यम से यूनाइटेड किंगडम भेजे जाने थे। सेल ने वहां से आशीष शर्मा व आसिम अली को गिरफ्तार किया था। जांच अधिकारी इंस्पेक्टर अनुज कुमार की टीम ने पूछताछ के बाद सिंडिकेट से जुड़े अन्य तस्करों प्रवीण सैनी, राजेंद्र कुमार, पवन कुमार, ललित सुखीजा और अक्षत गुलिया को भी गिरफ्तार कर लिया था। इनकी निशानदेही पर भारी मात्रा में साइकोट्रोपिक की बरामदगी की गई।

आरोपितों से पूछताछ में ड्रग सिंडिकेट के मास्टरमाइंड के रूप में हरविंदर सिंह का नाम सामने आया था, जो लंदन से भारत में अपने सहयोगियों को तस्करी के संबंध में निर्देश जारी कर रहा था। सेल ने उसकी टेलीफोनिक कालों को इंटरसेप्ट किया। उसके खिलाफ मजबूत सुबूत जुटाने के बाद प्रत्यर्पण के लिए प्रक्रिया शुरू की गई। आरोप पत्र दायर करने के बाद उसके खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी कराया गया। इस गिरोह के पास से 4 किलोग्राम मेफेडोन ड्रग्स जिसे ‘म्याऊ-म्याऊ’ के रूप में जाना जाता है, डायजेपाम पाउडर के साथ-साथ डायजेपाम की 6,53,244 गोलियां, नाइटोजेपम, लोराजेपम और अल्प्राजोलम टैबलेट बरामद किए गए। इतनी बड़ी खेप बरामद होने पर एनडीपीएस अधिनियम में न्यूनतम 10 साल व अधिकतम 20 साल तक सजा का प्रोविधान है।

हरविंदर सिंह के खिलाफ जारी ओपन डेटेड एनबीडब्ल्यू को निष्पादित करने के लिए, भारत सरकार की ओर से डोरसेट एवेन्यू, साउथहॉल, यूनाइटेड किंगडम, ट्रायल कोर्ट द्वारा प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध किया गया और लंदन पुलिस को 2020 में इस बारे में जानकारी दी गई। जिसके बाद हरविंदर सिंह को यूके पुलिस ने इसी साल फरवरी में लंदन में गिरफ्तार कर लिया था और वेस्टमिंस्टर कोर्ट में मुकदमा चलाया गया।

साक्ष्यों और वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से नवंबर में सुनवाई खत्म हुई जिसके बाद हरविंदर सिंह ने भारत के प्रत्यर्पण के लिए अपनी सहमति सामने रखी। वेस्टमिंस्टर न्यायालय ने औपचारिक प्रत्यर्पण आदेश जारी करने के लिए मामले को राज्य सचिव के पास भेज दिया। जिसके बाद दिल्ली से कई अधिकारियों की टीम को उसे लाने के लिए लंदन भेजा गया। 24 को पुलिस टीम हरविंदर सिंह के साथ दिल्ली आ गई।

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