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Wednesday, December 4, 2024

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हिंदुस्तान जिंक की जीवन तरंग पहल से दिव्यांग बच्चों के लिए समावेशी समाज का निर्माण

  • विशेष योग्यजन 900 से अधिक छात्रों के लिए शिक्षा की सुविधा

पंतनगर। अजमेर की दसवीं कक्षा की छात्रा नीतू रावत जन्म से ही सुनने में असक्षम है। नीतू के माता-पिता उस समय निराश हो गए जब उन्हें एहसास हुआ कि उसकी स्थिति के कारण रोजमर्रा की बातचीत और पढ़ाई-लिखाई मुश्किल होने वाली है। नोएडा डेफ सोसाइटी (एनडीएस) के सहयोग से हिंदुस्तान जिंक के जीवन तरंग कार्यक्रम से उसका जीवन में बदलाव आया, उसे भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल), जीवन कौशल पर साक्षरता और नई तकनीकों पर साक्षरता से परिचित कराया गया। नीतू अब आत्मविश्वास के साथ अपनी सहपाठियों से बातचीत करती है, स्कूल में सक्रिय रूप से भाग लेती है और घर पर बेहतर समझ विकसित करने के लिए अपने भाई-बहनों को आईएसएल भी सिखाती है।
नीतू की ही तरह भीलवाड़ा निवासी सातवीं कक्षा के छात्र मनीष कुमावत को भी जन्म से ही सुनने की समस्या थी। अपने परिवार में उन्हें अपने विचारों को व्यक्त करने और अपने आस-पास के लोगों को समझने में कठिनाई होती थी। हिंदुस्तान जिंक के जीवन तरंग कार्यक्रम ने मनीष के जीवन में उल्लेखनीय बदलाव लाया। एनडीएस प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन में, उन्होंने आईएसएल सीखा और अपने बुनियादी ज्ञान में सुधार किया। आज, वह एक उज्जवल भविष्य का सपना देखते हैं।
वर्ष 2017 से संचालित, हिंदुस्तान जिंक का जीवन तरंग कार्यक्रम विशेष योग्यजन वाले बच्चों की शैक्षिक जरूरतों को पूरा करने के लिए समर्पित है। अजमेर, भीलवाड़ा और उदयपुर के चार विद्यालयों में इस पहल से 900 से अधिक बच्चें लाभान्वित हो रहे है, उनके सीखने के अनुभवों को बदल रही है और समग्र विकास को बढ़ावा दे रही है। 600 से अधिक बच्चों को आईएसएल में प्रशिक्षित किया गया है, और 100 से अधिक दृष्टिबाधित बच्चों ने डेजी प्लेयर, स्मार्टफोन और कंप्यूटर का उपयोग कर प्रौद्योगिकी कौशल हासिल किया है छात्र स्वतंत्रता और उद्यमशीलता की सोच को प्रोत्साहित करने के लिए कला और शिल्प, ब्यूटीशियन प्रशिक्षण और गृह विज्ञान जैसे व्यावहारिक कौशल सीखते हैं। इसके अतिरिक्त, हिंदुस्तान जिंक ने कर्मचारियों, व्यावसायिक भागीदारों और समुदाय के सदस्यों को आईएसएल प्रशिक्षण शुरू देकर अपने प्रयासों को आगे बढ़ाया है, जिससे विशेष जरूरतों वाले लोगों के लिए समावेशिता का समाज तैयार हो रहा है।
हिंदुस्तान जिंक की सामुदायिक विकास पहल विशेष जरूरतों वाले बच्चों को सशक्त बनाने से भी कही आगे है। शिक्षा, खेल, कौशल निर्माण, ग्रामीण बुनियादी ढांचे और स्थायी आजीविका में केंद्रित निवेश के माध्यम से, कंपनी ने राजस्थान और उत्तराखंड के 3,700 गांवों में 20 लाख से अधिक लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। भारत के शीर्ष 10 सीएसआर खर्च करने वालों में से एक के रूप में, हिंदुस्तान जिंक आत्मनिर्भर पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है जो समुदायों का उत्थान करता है और समग्र ग्रामीण विकास को आगे बढ़ाता है।

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