देहरादून। सचिवालय रक्षक भर्ती में हुई धांधली मामले में एसटीएफ ने पहली गिरफ्तारी की है। सचिवालय रक्षक भर्ती मामले में थाना रायपुर में एसटीएफ की ओर से मुकदमा दर्ज कराया था, एसटीएफ की टेक्निकल टीम द्वारा आयोग में गहन जांच बाद इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस को पाने में सफलता प्राप्त की है। इस मामले में अभियुक्त प्रदीप पाल निवासी बाराबंकी उत्तर प्रदेश को साक्ष्य व गहन पूछताछ के बाद एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया गया है। उपरोक्त अभियुक्त भी त्प्डै कंपनी का कर्मचारी था और आयोग में लंबे समय से कार्यरत था, जिसके द्वारा ही पेन ड्राइव के माध्यम से प्रश्न पत्र चुराया गया और अन्य साथियों की मदद से परीक्षार्थियों को लाखो रुपए में बेचा गया था। शनिवार सुबह आरएमएस कंपनी लखनऊ के मालिक राजेश चैहान की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ने प्रेस कांफ्रेस की। जिसमें एसटीएफ ने कई खुलासे किए। बताया कि कंपनी के मालिक राजेश को दो करोड़ रुपए दिए गए थे। कुछ उसके रिश्तेदारों को दिए गए थे। बताया कि बीती देर रात मामले में केंद्रपाल की गिरफ्तारी से सारी पोल खुली। सचिवालय रक्षक भर्ती का पेपर आयोग की प्रिंटिंग प्रेस के कंप्यूटर से चुराया था। आयोग के कर्मचारियों और अधिकारियों की भी जांच हो रही है। एसटीएफ एसएसपी ने सचिव और अध्यक्ष की जांच के बारे में कहा कि अभी किसी को क्लीन चिट नहीं है। एसटीएफ की ओर से बताया गया कि 24 घंटे के अंदर चार से पांच लोगों की गिरफ्तारी होगी।