तीन माह में फाइल केवल शासन तक पहुंची
देहरादून। पेयजल निगम के अधीक्षण अभियन्ता (एसई) प्रवीण राय, अधिशासी अभियन्ता ( ईई) जितेन्द्र सिंह देव ने अधिशासी अभियन्ता विशाल कुमार के साथ गत 18 मई 2022 को हुई मारपीट मामले में जांच की फाइल पर जमीं धूल कब हटेगी यह कहना मुश्किल है। क्योंकि विभागीय अधिकारी ही जांच की फाइल को अटकाने में लगे हुए है। पहले हो कारण बताओं नोटिस का जवाब ही आने में तीन महीने का समय लग गया। इस मामले में केवल मारपीट ही नहीं हुई बल्कि एक वरिष्ठ अधिकारी के घर में भी उक्त लोग मारपीट करने के लिए घुसे थे। फिलहाल फाइन शासन में भेजी गई है लेकिन अभी भी मामले में किसी कार्रवाई की उम्मीद नहीं की जा सकती है।
गत 18 मई को मुख्यमंत्री के विभाग पेयजल निगम में खुली अनुशासनहीनता देखने को मिली। जब एक अधीक्षण अभियन्ता व एक अधिशासी अभियन्ता ने अपने साथी अधिशासी अभियन्ता को बैट व सरियों से मारा। मारपीट भी विभाग की ही जल निगम कालोनी में की गई। यह मामला सीसीटीवी में कैद हो गया। जिसमें थाना बसंत बिहार में रिपोर्ट दर्ज हुए साथ ही विभागीय जांच भी बैठाई गई। जांच मुख्य अभियन्ता मुख्यालय एससी पंत व प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक निर्माण सीएस रजवार को सौंपी गई। जांच पूरी करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया लेकिन जांच रिपोर्ट लगभग एक माह बाद सौंपी गई। जबकि घटना के सीसीटीवी फुटेज जांच अधिकारियों के पास थी। साथ ही जांच रिपोर्ट सौपने के बाद आरोपी अधिकारियों को कारण बताओं नोटिस विभागाध्यक्ष ने जारी किए लेकिन इस में भी आरोपियों ने जवाब देने में लम्बा समय लगा दिया। जवाब आने के बाद मामले की फाइल शासन में भेजी गई है अब देखना यह है कि इसमें कार्रवाई होने में कितना समय लगता है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि अधिशासी अभियन्ता जितेन्द्र सिंह देव का विवादों से पहले भी नाता रहा है। उन्होंने अटाल पम्पिंग योजना में पुराने मोटर लगा दिया थे। जिसकी जांच के बाद उन्हें बदला गया है लेकिन विभाग ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की है।