14.2 C
Dehradun
Sunday, November 24, 2024

Buy now

उत्‍तराखंड की दो हाट विधानसभा सीटों खटीमा और लालकुआं पर सबकी नजर

विधानसभा चुनाव के तहत जैसे-जैसे मतदान की तिथि नजदीक आ रही है स्टार प्रचारकों का शोर बढ़ता ही जा रहा है। इस शोर में स्थानीय मुद्दे पीछे छूट रहे हैं तो आरोप-प्रत्यारोप अधिक हावी होने लगे हैं। इस सबके बीच कुमाऊं से चुनाव लड़ रहे भाजपा-कांग्रेस के दो दिग्गजों के क्षेत्र के मुद्दे भी प्रासंगिक बने हुए हैं।

सीएम पुष्कर सिंह धामी के क्षेत्र खटीमा में सांसद आदर्श ग्राम बग्गा चौवन को वन ग्राम के दायरे से बाहर आने को छटपटाहट है। वहीं लालकुआं से कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व सीएम हरीश रावत के सामने कुमाऊं के सबसे बड़ी आबादी वाले बिंदुखत्ता गांव को राजस्व गांव का दर्ज दिलाने की मांग खड़ी है। हर चुनाव से पूर्व यहां के लोग भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हैं मगर मामला राज्य बनने के बाद से अब तक जस का तस ही है।

दरअसल आरक्षित रहे वन क्षेत्र में अब सड़क, बिजली, पानी आदि सभी सुविधाएं पहुंच चुकी हैं। बावजूद इसके सरकारें अब तक इसे विधिवत आरक्षित वन क्षेत्र से बाहर नहीं ला सकी हैं। स्थिति यह है कि अब यह मामला कोर्ट में विचाराधीन चल रहा है।

कुमाऊं का सबसे बड़ा गांव है बिंदुखत्ता

लालकुआं विधानसभा के अंतर्गत आने वाले बिंदुखत्ता की आबादी करीब 70 हजार हो चुकी है। यहां 33 हजार वोटर हैं। कुमाऊं के पर्वतीय इलाकों से आकर यहां बसने वालों की तादाद अधिक है। इसमें पूर्व सैनिकों की संख्या सर्वाधिक है। राज्य बनने के बाद से ही राजस्व गांव के आश्वासन पर यहां के निर्णायक वोटर चार विधायक व चार सांसद दे चुके हैं। विधायकों में से दो मंत्री भी रह चुके हैैं।

बन चुका थी पालिका, विरोध हुआ तो करनी पड़ी रद

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 2015 में बिंदुखत्ता को नगर पालिका घोषित कर दिया था। मगर भाकपा माले के साथ ही मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने विरोध किया था। आंदोलन तेज हुआ और भाजपा ने तब सरकार बनने पर पालिका की बजाय राजस्व गांव बनाने का वादा भी किया। तब कांग्रेस ने भी 2017 के चुनाव में नुकसान की आशंका को देखते हुए पालिका का निर्णय वापस ले लिया। इस बार प्रत्याशी पूर्व सीएम हरीश रावत ने लोगों को आश्वासन दिया है कि सरकार बनी तो तीन माह के भीतर राजस्व गांव बनाने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे।

डबल इंजन की सरकार का भी दांव

बिंदूखत्ता को राजस्व गांव बनाने के लिए भाजपा ने ही नहीं कांग्रेस ने भी डबल इंजन का दांव चला। 2004 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी केसी सिंह बाबा ने राजस्व गांव के लिए बिंदुखता की जनता से डबल इंजन की सरकार बनाने की अपील की। तब राज्य में कांग्रेस की ही सरकार थी। जनता ने उन्हें संसद भी भेजा। यही स्थिति 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी नवीन दुम्का व 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अजय भट्ट की भी रही। मगर जनता के हाथ खाली ही रहे।

सांसद आदर्श ग्राम भी बना मगर विकास नहीं

ऊधम सिंह नगर जिले में खटीमा विधानसभा के सरपुड़ा ग्राम सभा के गांव बग्गा चौवन की भी कहानी बिंदुखत्ता जैसी ही है। करीब 3900 की आबादी व 2000 वोटर वाले इस गांव को सांसद रहते भगत सिंह कोश्यारी ने सांसद आदर्श गांव के तहत गोद लिया था। वन ग्राम की परिधि में होने के चलते गांव में सड़क बनाई जाने लगी तो मामला हाई कोर्ट तक पहुंच गया। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। यहां जनता तो मौन है ही जनप्रतिनिधियों की भी अब चुप्पी नहीं टूट रही।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,888FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles