नयी दिल्ली: पाकिस्तान ने देश के टेरी मंदिर के दर्शन के लिए भारत से कुछ चुनिंदा लोगों के समूह को गैर-पारदर्शी तरीके से आमंत्रित करने की योजना बनाई और यह नयी दिल्ली को स्वीकार्य नहीं था। यह बात आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को कही। सूत्रों ने कहा कि अब भारतीय आयोजकों ने जो 160 लोगों को चुना है वो भारतीय तीर्थयात्री शनिवार को वाघा-अटारी सीमा से पाकिस्तान जाएंगे।
एक सूत्र ने कहा, ‘पाकिस्तान ने भारत से कुछ चुनिंदा लोगों को पाकिस्तान के टेरी मंदिर आने के लिए गैर-पारदर्शी तरीके से आमंत्रित करने की योजना बनाई थी। यह हमें स्वीकार्य नहीं था।’ उन्होंने कहा,‘यह उस भावना के भी विपरीत था जिसके तहत दोनों पक्ष तीर्थयात्रा करते हैं।’ सूत्रों ने कहा, अतीत की तरह ही भारत सरकार भारतीय तीर्थयात्रियों को सभी प्रकार की सहायता प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
वर्ष 1974 के धार्मिक स्थलों की यात्रा पर भारत-पाकिस्तान प्रोटोकॉल तंत्र के तहत, भारत से बड़ी संख्या में सिख तीर्थयात्री उस देश की यात्रा करते हैं। इसी तरह, पाकिस्तानी नागरिक भी भारत में धार्मिक स्थलों के लिए आते हैं। टेरी मंदिर पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले में संत, श्री परम हंस जी महाराज से जुड़ा हुआ है। मंदिर की स्थापना 1920 में हुई थी।